Monday, October 3, 2016

तेरी बातें तेरी ख़ुशबू हैं .........नादिर खान



नाम अल्लाह का लेकर मै निकल जाऊँगा 
मै जो हालात का मारा हूँ, संभल जाऊँगा |

दूर मंज़िल है बहुत राह में दुश्वारी भी
हाथ में हाथ दे वरना मै फिसल जाऊँगा |

बात झूठी हैं तेरी और हैं झूठी कसमें
क्‍यूँ समझता है कि बातों से बहल जाऊँगा |

दोष मुझमें हैं बहुत, प्यार मगर सच्चा है
साथ तेरा जो मिलेगा तो बदल जाऊँगा |

रूठ जाना जो बहाना है फ़क़त इक पल का
तुम अगर प्यार से देखोगी पिघल जाऊँगा |

तेरी बातें तेरी ख़ुशबू हैं अभी तक मुझमें
मै अगर टूट भी जाऊँ तो संभल जाऊँगा ।

-नादिर खान
http://nadirahmedkhan.blogspot.in/2016/02/blog-post.html

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