प्रेम और स्पर्श..............अमिता प्रजापति
प्रेम और स्पर्श
मेरे दो बच्चे हैं
स्पर्श कुछ अधिक चंचल है
दौड़ता है दूर-दूर तक
पूछ-पूछ कर
परेशान रखता है
दूसरा- प्रेम, जरा
गम्भीर है
बहुत संकट में ही मां
पुकारता है
और अधिकतर समय
खुद ही अपनी
मां बना रहता है।
-अमिता प्रजापति
...... नायिका से
लाजवाब रचना...
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