मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Tuesday, November 18, 2014
भाषा..............सुधीर कुमार सोनी
मजबूरी
भाषा बदल देती है
अभिमान
बहुत सी परिभाषा बदल देते हैं....
-सुधीर कुमार सोनी
2 comments:
अज़ीज़ जौनपुरी
November 18, 2014 at 5:44 PM
और सुन्दर विचार बहुत कुछ बदल देते हैं,भाषा भाव शैली बहुत कुछ यानी सपूर्ण रचना विधान
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How do we know
November 27, 2014 at 12:59 AM
bahut umda!
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और सुन्दर विचार बहुत कुछ बदल देते हैं,भाषा भाव शैली बहुत कुछ यानी सपूर्ण रचना विधान
ReplyDeletebahut umda!
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