जीवन से हारे हुए,
थके हुए कुछ लोग,
सिमटा कर रख लेते है ख़ुद को,
किसी अँधेरे कोने में,
बुनते है वहीँ फिर बहानों की चादर,
जिसे ओढ़ कर छुप सकें
लोगों की नज़रों से,
इज़ाद करते है नए-नए तरीके,
लोगों को हड़काए रखने,
डराए रखने के लिए।
बर्दाश्त नहीं होता उनसे,
जो कोई उन पर अँगुली उठाए,
इसलिए पहले से सतर्क,
अपने आस-पास के लोगों पर
रखते है चोर नज़र,
ताकि ढूँढ सके कोई ऐब,
ख़ुद को सही और
सामने वाले को ग़लत सिद्ध करने के लिए।
बनाते रहते है,
रहस्यमय जाले,
जिसमें उलझा सकें मासूमों को,
और तुष्ट कर सकें अपनी कुंठाओं को,
पर नहीं समझते कि,
वे रहस्यमय जाले ख़ुद उन्हें ही -
रोशनी से महरूम किए जाते है,
और वे धँसते जाते हैं,
अनंत अंधकार में,
जहाँ उनकी रूह तक पर -
कालिख़ पुत जाती है!
-मनोरंजन कुमार तिवारी
थके हुए कुछ लोग,
सिमटा कर रख लेते है ख़ुद को,
किसी अँधेरे कोने में,
बुनते है वहीँ फिर बहानों की चादर,
जिसे ओढ़ कर छुप सकें
लोगों की नज़रों से,
इज़ाद करते है नए-नए तरीके,
लोगों को हड़काए रखने,
डराए रखने के लिए।
बर्दाश्त नहीं होता उनसे,
जो कोई उन पर अँगुली उठाए,
इसलिए पहले से सतर्क,
अपने आस-पास के लोगों पर
रखते है चोर नज़र,
ताकि ढूँढ सके कोई ऐब,
ख़ुद को सही और
सामने वाले को ग़लत सिद्ध करने के लिए।
बनाते रहते है,
रहस्यमय जाले,
जिसमें उलझा सकें मासूमों को,
और तुष्ट कर सकें अपनी कुंठाओं को,
पर नहीं समझते कि,
वे रहस्यमय जाले ख़ुद उन्हें ही -
रोशनी से महरूम किए जाते है,
और वे धँसते जाते हैं,
अनंत अंधकार में,
जहाँ उनकी रूह तक पर -
कालिख़ पुत जाती है!
-मनोरंजन कुमार तिवारी
बहुत सुन्दर ।
ReplyDeletedhanyabad sir
Deleteमनोरंजन कुमार तिवारी जी सुन्दर रचना प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!
ReplyDeletedhanyabad ma'am
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