Sunday, August 21, 2016

झपट्टा देख सियासत में.....रमेशराज

खद्दरधरी पट्ठा, जन-जन के अब तोड़ें गट्टा
बापू के भारत में कट्टा देख सियासत में।

तेरे पास न कुटिया, तन पर मैली-फटी लँगुटिया
नेताजी का  ऊंचा अट्टा देख सियासत में।

तेरी मुस्कानों पर, रंगीं ख्वाबों-अरमानों पर
बाजों जैसा रोज झपट्टा देख सियासत में।

खुशहाली के वादे, तूने भाँपे नहीं इरादे
वोट पाने के बाद सिंगट्टा देख सियासत में।
-रमेशराज

|| लोक- शैली ‘रसिया’ पर आधारित तेवरी ||

5 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "सबसे तेज क्या? “ , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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