मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Monday, November 14, 2016
लानत.........दिव्या माथुर
थोड़ा सा
छेड़ा भर था
रूठ गया
और न लौटा
लानत भेजी
तो भी न गया
तुझ से अच्छा
है ख़याल तेरा
दिव्या माथुर
लेखक परिचय
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
November 14, 2016 at 8:44 AM
बहुत सुन्दर ।
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बहुत सुन्दर ।
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