Sunday, February 9, 2014

तेरा ख्याल ही मुझे आया न हो कही...........सईद क़ैस


हर लहजा तेरे पाँव की आहट सुनाई दे
तू लाख सामने न हो, फिर भी दिखाई दे

आ इस हयाते दर्द को मिल कर गुजार दे
या इस तरह बिछड़ की जमाना दुहाई दे

तेरा ख्याल ही मुझे आया न हो कही
इक रौशनी सी आख से दिल तक दिखाई दे

मिलने की तुझसे फिर न तमन्ना करे ये दिल
इतने खुलूस से मुझे दागे जुदाई दे

देखे तो क़ैस लौ भी दिये की लगे है सर्द
सोचें तो गुल की शाख भी जलती दिखाई दे
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सईद क़ैस

सईद क़ैस
पूरा नामः मुहम्मद सईद
जन्मः 28 मई, 1927, लाहोर
 


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