Friday, January 15, 2021

क्या फायदा......डॉ. अंशु सिंह

 
बोझ लगता हो ग़र जिंदगी मे कोई 
यादें उसकी सजाने से क्या फ़ायदा 

चुभ रहा हो जो बन करके तीखा सुआ 
प्यार उस पर लुटाने से क्या फ़ायदा 

जिसको पल भर मे बाहर किया झाड़ के 
कविता उस पर बनाने से क्या फ़ायदा 

कच्चा धागा ही था , टूट पल में गया 
प्यार को फिर बढ़ाने से क्या फ़ायदा 

अर्थ समझे न जब ज़िन्दगी के कभी 
व्यर्थ  जीवन गँवाने  से क्या फ़ायदा 

मित्र बन मोल आँसू के समझो कभी 
बात केवल बनाने से क्या फ़ायदा 

सार जीवन के तुम यदि समझ न सके 
स्वप्न गिरवी रखाने से क्या फ़ायदा 

जिसने जीवन की निस्सारता जान ली 
त्याग कर उसको जाने से क्या फ़ायदा 

मोह माया ही जब जग के रिश्ते अगर 
जग के रिश्ते  निभाने से क्या  फ़ायदा 

जग को मानो ना मानो ख़ुशी आपकी 
जग से ग़ुस्सा दिखाने से क्या फायदा .
-डॉ. अंशु सिंह

7 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" आज शुक्रवार 15 जनवरी 2021 को साझा की गई है.........  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. सुन्दर सारगर्भित रचना..

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