Saturday, June 1, 2013

गर बेटियों का कत्ल यूँ ही कोख में होता रहेगा.........डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ’अरुण’

 

गर बेटियों का कत्ल यूँ ही कोख में होता रहेगा!
शर्तिया इन्सान अपनी पहचान भी खोता रहेगा!!


मर जायेंगे अहसास सारे खोखली होगी हँसी,
साँस लेती देह बस ये आदमी ढोता रहेगा!!


स्वर्ग जाने के लिए बेटे की सीढी ढूँढ कर,
नर्क भोगेगा सदा ये आदमी रोता रहेगा!!


ढूँढ लेगा चंद खुशियाँ अपने जीने के लिए,
आदमी बिन बेटियों के मुर्दा बन सोता रहेगा!!


चैन सब खोना पड़ेगा बदनाम होगा आदमी,
बेटियों को मरने का दाग बस धोता रहेगा!!


--डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ’अरुण’

10 comments:

  1. सही बात है...............कुछ यूं ही मेरा भी सोचना है ग़ौर फ़रमाएँ..........
    ''यूँ ही मरती रहीं गर पेट में ही लड़कियाँ इक दिन ,
    कई लड़कों से इक लड़की बिहाने का चलन होगा ॥''
    http://drhiralal.blogspot.in/2013/04/65.html

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  2. बहुत उम्दा,सार्थक प्रस्तुति,,रचना साझा करने के लिए आभार

    Recent post: ओ प्यारी लली,

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  3. bhot khub.kya bat hai waaaaaaaaaaaah gret

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  4. fir bhi insan soo hi raha hai jagta nahi.....umda rachna

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  5. बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति!

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  6. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (02-06-2013) के चर्चा मंच 1263 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  7. काश इस बात को समझ पाये इंसान ... अच्छी रचना

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  8. सार्थक संदेश देती बहुत सुंदर रचना।
    काश इसके मर्म को लोग समझ सकें।
    बहुत सुंदर


    नोट : आमतौर पर मैं अपने लेख पढ़ने के लिए आग्रह नहीं करता हूं, लेकिन आज इसलिए कर रहा हूं, ये बात आपको जाननी चाहिए। मेरे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए । धोनी पर क्यों खामोश है मीडिया !
    लिंक: http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/blog-post.html?showComment=1370150129478#c4868065043474768765

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