Wednesday, October 15, 2025

आज लगा है क्यों वह कंपने देख मौन मरने वाले को?

अरे कही देखा है तुमने

7 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में बुधवार, 15 अक्टूबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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  2. जयशंकर प्रसाद की कालजयी रचना को पढ़वाने के लिए आभार

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  3. धन्यवाद...इस बुकमार्क के लिए ।

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  4. मैं आपकी कविता की हर लाइन में उस इंसान की बेचैनी महसूस कर सकता हूँ जो अपने खोए हुए प्यार को ढूँढ रहा है। वो जैसे खुद से ही पूछ रहा है कि जो दिल में इतना दर्द जगाता था, वो अब कहाँ चला गया।

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