अरे कही देखा है तुमने
अरे कहीं देखा है तुमने
मुझे प्यार करने वाले को?
मेरी आँखों में आकर फिर
आँसू बन ढरने वाले को?
सूने नभ में आग जलाकर
यह सुवर्ण-सा ह्रदय गला कर
जीवन-संध्या को नहला कर
रिक्त जलधि भरने वाले को?
सूने नभ में आग जलाकर
यह सुवर्ण-सा ह्रदय गला कर
जीवन-संध्या को नहला कर
रिक्त जलधि भरने वाले को?
रजनी के लघु-लघु तम कन में
जगती की ऊष्मा के वन में
उसपर परते तुहिन सघन में
छिप, मुझसे डरने वाले को?
जगती की ऊष्मा के वन में
उसपर परते तुहिन सघन में
छिप, मुझसे डरने वाले को?
निष्ठुर खेलों पर जो अपने
रहा देखता सुख के सपने
आज लगा है क्यों वह कंपने
देख मौन मरने वाले को?
-जयशंकर प्रसाद
रहा देखता सुख के सपने
आज लगा है क्यों वह कंपने
देख मौन मरने वाले को?
-जयशंकर प्रसाद
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में बुधवार, 15 अक्टूबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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