Tuesday, September 28, 2021

चौराहा और पुस्तकालय ...खेमकरण ‘सोमन’

चौराहा और पुस्तकालय 
चौराहे पर खड़ा आदमी 
बरसों से, खड़ा ही है चौराहे
पर टस से मस भी नहीं हुआ ! 

जबकि पुस्तकालय में
खड़ा आदमी 
खड़े-खड़े ही पहुँच गया
देश-दुनिया के 
कोने-कोने में

जैसे हवा-सूरज, 
धूप-पानी और बादल 
फिर भी देश में
सबसे अधिक हैं चौराहे ही।  

  









 




2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" आज मंगलवार 28 सितम्बर   2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है....  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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