Wednesday, February 8, 2017

मेरा एतबार बोलता है.....राहत इंदौरी

मेरा ज़मीर, मेरा एतबार बोलता है
मेरी ज़बान से परवरदिगार बोलता है

तेरी ज़बान कतरना बोहत ज़रूरी है
तुझे मर्ज़ है कि तू बार बार बोलता है

कुछ और काम उसे आता ही नहीं शायद
मगर वोह झूट बोहत ही शानदार बोलता है


4 comments:

  1. वाह!!बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 09-02-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2591 में दिया जाएग्या
    धन्यवाद

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