Tuesday, July 29, 2025

ये सफ़र आशिकी ने काट दिया

 

5 comments:

  1. आपका हर शेर जैसे ज़िंदगी के किसी अधूरे हिस्से को छू गया। आपने लफ़्ज़ों से वो घुटन पकड़ी है, जो अक्सर आवाज़ भी बयाँ नहीं कर पाती। इसमें इश्क़ की वो बेरहम सच्चाई है, जो अक्सर लोग महसूस तो करते हैं, पर कह नहीं पाते।

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  2. वाह!! बेहतरीन शायरी

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