Friday, March 23, 2012

वो स्पर्श तुम छोड़ जाओगी..........रंजन मिश्र

क्या तुम मुझे भूल जाओगी ?
मैं वर्षो से नहीं मिला तुमसे ,
ना ही सालो से बात की ,
तो क्या तुम मुझे भूल जाओगी ?
वो नदी किनारे की रात ,
तेरे हाथो में मेरा हाथ ,
वो स्पर्श तुम छोड़ जाओगी ,
तो क्या तुम मुझे भूल जाओगी ?
ऐ हमसफ़र ! मैं तेरा साथ न दे पाया ,
तेरे आंचल को थाम न पाया ,
उन नजरो का जादू तोड़ जाओगी ,
तो क्या तुम मुझे भूल जाओगी ?
तेरी गली नहीं गया ,
तेरी यादो को वही छोड़ आया ,
तो तुम रिश्ता तोड़ जाओगी ,
क्या तुम मुझे भूल जाओगी ?
वो दरवाजा जो वापसी का था ,
मैं उस पर ताला जड़ आया ,
तो तुम मुझसे मुंह मोड़ लोगी ,
क्या तुम मुझे भूल जाओगी ?

----- रंजन मिश्र

1 comment:





  1. आदरणीया यशोदा जी
    सस्नेहाभिवादन !

    ब्लॉग पर सुंदर रचनाओं का संकलन पा'कर प्रसन्नता हुई …
    आपकी मेहनत और लगन सराहनीय है … निस्संदेह !
    आग्रह है कि मूल रचनाकारों के नाम के साथ उनका संपर्क सूत्र ( ईमेल आईडी , मोबाइल नं )संलग्न किया करें ।

    ~*~नवरात्रि और नव संवत्सर की बधाइयां शुभकामनाएं !~*~
    शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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