शरीफ चोर था कुछ तो जनाब छोड़ गया
कबाब खा गया लेकिन शराब छोड़ गया
जो रास्ते में बहुत मेहरबान था मुझ पर
सफर के अंत में सारा हिसाब छोड़ गया
पढ़ीं तो निकलीं कविताएं अर्थहीन सभी
वह अपनी याद में ऐसी किताब छोड़ गया
मुकदमे, कर्जे, रहन-जायदाद के झगड़े
मरा तो देखिए क्या-क्या नवाब छोड़ गया
सवाल जितने उठाए थे पत्रकारों ने
वह गोल-मोल सभी के जवाब छोड़ गया।
वह गोल-मोल सभी के जवाब छोड़ गया।
-सैयद सादिक अली
बहुत सुंदर शब्द ओर ऐसा चोर जो अपनी याद में किताब छोड़ गया
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया ग़ज़ल
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआभार आदरणीय-
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति-
आभार आदरेया
बढिया, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteTV स्टेशन ब्लाग पर देखें .. जलसमाधि दे दो ऐसे मुख्यमंत्री को
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ReplyDeleteसुंदर, शरीफ चोर था कुछ तो जनाब छोड़ गया
कबाब खा गया लेकिन शराब छोड़ गया
जो रास्ते में बहुत मेहरबान था मुझ पर
सफर के अंत में सारा हिसाब छोड़ गया
khubshoorat prastuti
ReplyDeletekhubsurat abhivaykti....
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