तुमने चाहे चाँद-सितारे, हमको मोती लाने थेहम दोनों की राह अलग थी साथ तुम्हारा करता क्या ------------------------ अन्सार कम्बरी की बात ही जुदा है ....लाजवाब लिखते हैं आप जनाब ..
waaaaaaaaaaaah khub
Bahut Umda
bahut khubआखिर कब तक अपनी बेटी को निर्भया और बेटे को सरबजीत बनाना होगा ?
बहुत बढ़िया....शुक्रिया यशोदा..सस्नेहअनु
तुमने चाहे चाँद-सितारे, हमको मोती लाने थे
ReplyDeleteहम दोनों की राह अलग थी साथ तुम्हारा करता क्या
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अन्सार कम्बरी की बात ही जुदा है ....लाजवाब लिखते हैं आप जनाब ..
waaaaaaaaaaaah khub
ReplyDeleteBahut Umda
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteआखिर कब तक अपनी बेटी को निर्भया और बेटे को सरबजीत बनाना होगा ?
बहुत बढ़िया....
ReplyDeleteशुक्रिया यशोदा..
सस्नेह
अनु