हवाओं में ऐसी ख़ुशबू पहले कभी न थी
ये चाल बहकी बहकी पहले कभी न थी
ज़ुल्फ़ ने खुलके उसका चेहरा छुपा लिया
घटा आसमा पे ऐसी पहले कभी न थी
आँखें तरस रहीं हैं दीदार को उनके
दिल में तो ऐसी बेबसी पहले कभी न थी
फूलों पे रख दिए हैं शबनम ने कैसे मोती
फूलों पे ऐसी रौनक पहले कभी न थी
यादों की दस्तकों ने दरे दिल को खटखटाया
आती थी याद पहले पर ऐसी कभी न थी
ये चाल बहकी बहकी पहले कभी न थी
ज़ुल्फ़ ने खुलके उसका चेहरा छुपा लिया
घटा आसमा पे ऐसी पहले कभी न थी
आँखें तरस रहीं हैं दीदार को उनके
दिल में तो ऐसी बेबसी पहले कभी न थी
फूलों पे रख दिए हैं शबनम ने कैसे मोती
फूलों पे ऐसी रौनक पहले कभी न थी
यादों की दस्तकों ने दरे दिल को खटखटाया
आती थी याद पहले पर ऐसी कभी न थी
--कुसुम सिन्हा--
यादों की दस्तकों ने दरे दिल को खटखटाया
ReplyDeleteआती थी याद पहले पर ऐसी कभी न थी
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति
wah kya khoob,ज़ुल्फ़ ने खुलके उसका चेहरा छुपा लिया
ReplyDeleteघटा आसमा पे ऐसी पहले कभी न थी
आँखें तरस रहीं हैं दीदार को उनके
दिल में तो ऐसी बेबसी पहले कभी न थी
Superrrrrrrrrb! Very touchy lines
ReplyDeleteआँखें तरस रहीं हैं दीदार को उनके
ReplyDeleteदिल में तो ऐसी बेबसी पहले कभी न थी...वाह: बहुत बढ़िया...
सुन्दर रचना आभार |
ReplyDeleteयादों की दस्तकों ने दरे दिल को खटखटाया
ReplyDeleteआती थी याद पहले पर ऐसी कभी न थी..बहुत खूबसूरत नज्म
यादों की दस्तकों ने दरे दिल को खटखटाया
ReplyDeleteआती थी याद पहले पर ऐसी कभी न थी
..जब याद घनेरी हो तो ऐसे ही कसक उठती है मन में ...बहुत सुन्दर भाव
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति.बहुत सुन्दर भाव...सुन्दर रचना
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प्यार का अहसास ही कुछ ऐसा होता है
ReplyDeleteबहुत खूब ....
साभार !
बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति, प्यार का सुन्दर अहसास,यादों की दस्तकों ने दरे दिल को खटखटाया आती थी याद पहले पर ऐसी कभी न थी
ReplyDeleteप्यार का सुन्दर अहसास,..
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