भगवान बुद्ध मुस्कराए
वो तो हरदम
रहते हैं धीर-गम्भीर
पर मुस्कुराए जरूर
पर....
एक बार मात्र..
जब..
महामना ए पी जे अब्दुल कलाम
राष्ट्रपति थे...और
श्रद्धेय श्री अटल जी प्रधान मंत्री....
तब की साल
भगवान श्री बुद्ध..की
धीरता-गम्भीरता
मुस्कुराहट में बदल गई थी..
पर आज-कल की राजनीतिज्ञों
की गतिविधियाँ उन्हें रुला कर
ही मानेगी....
-यशोदा
वो तो हरदम
रहते हैं धीर-गम्भीर
पर मुस्कुराए जरूर
पर....
एक बार मात्र..
जब..
महामना ए पी जे अब्दुल कलाम
राष्ट्रपति थे...और
श्रद्धेय श्री अटल जी प्रधान मंत्री....
तब की साल
भगवान श्री बुद्ध..की
धीरता-गम्भीरता
मुस्कुराहट में बदल गई थी..
पर आज-कल की राजनीतिज्ञों
की गतिविधियाँ उन्हें रुला कर
ही मानेगी....
-यशोदा
बिल्कुल सही.....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteyun hi hakikat vayan karti rahiye,sundar
ReplyDeletegautam ki smritio ki anupam dharohar ko aaj ke sandarbh me rupantarit kari behatareen prastuti
ReplyDeleteBadhai... bahut badhiya yashoda ji .....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (26-05-2013) के चर्चा मंच 1256 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeletesarthak nd satik bat .....
ReplyDeleteकाश कि राज-नीतिज्ञों को भी कुछ बोध मिलता !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,
ReplyDeleteसही कह रहे हैं आप....
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