कई बार क़त्ल करने को जी चाहता है , कई बार स्वयं मरने को जी चाहता है . हो गए हालात इस कदर बदतर , हद से गुजरने को जी चाहता है . थक गया हूँ लीक पर चलते चलते , कुछ नया करने को जी चाहता है . परखने को वक्त के मूसल की ताकत , सर ओखली में धरने को जी चाहता है . क्षमा करना दोस्त मन में खोट नहीं , बस यों ही मुकरने को जी चाहता है . जरा ठहरो मेरी अर्थी उठाने वालों , आखरी बार संवरने को जी चाहता है . "चरण"
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जरा ठहरो मेरी अर्थी उठाने वालों ,
ReplyDeleteआखरी बार संवरने को जी चाहता है--JORDAR PRASTUTI