मेरी धरोहर..चुनिन्दा रचनाओं का संग्रह
Thursday, June 15, 2017
पहली बारिश...निधि सक्सेना
ये झम झम बारिश
ये धुंधुआता मंजर
ये सिमटी चाँदनी
ये बूँदो की झर झर
ये बहकी हवायें
ये गगनभेदी गड़गड़
ये भीनी आँख
ये भीगा मन
गर तुम साथ होते
तो कुछ और बात होती...
~निधि सक्सेना
2 comments:
सुशील कुमार जोशी
June 15, 2017 at 8:19 AM
सुन्दर।
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Sudha Devrani
June 15, 2017 at 11:10 PM
वाह!!!
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सुन्दर।
ReplyDeleteवाह!!!
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