एक रुपहली रात
हम दोनों हैं साथ
चुप -चुप मैं और तुम
चाँद कहे अपने दिलों की बात
******************
अँधेरे में सपनों की
बस होने दो मुलाकात
और डूबने दो ख्यालों में मेरे
तुम अपने ख्यालात
***********************
लड़ने दो खामोशियों
को उदासियों को जूझने दो
जवाब कुछ सवालों के
दिमाग को सूझने दो
**********************
आँखों ही आँखों में
धडकनों को तुम घूमने दो
सांसों को दो प्रेमियों की तरह
देह की रंग-रंग में झूमने दो
**********************
बहा दो झरने चट्टानों से
घोंसलों में पक्षियों को बसा दो
पेड़ों की पत्तियों को तुम
एक गीत कोयल का सुना दो
************************
अनमोल जो भी मोती है
उसे समुन्दर के सीप में छुपा दो
और करके शरारत ठंडी बर्फ सी तुम
शीतल मुस्कान से मुस्का दो
*****************************
सुहाना मौसम देखो साथ
लेलो हाथ में मेरा हाथ
रिमझिम हो रही है बरसात
तुम हो आस्था,मैं विश्वास
*****************************
एक रुपहली रात
हम दोनों हैं साथ
चुप -चुप मैं और तुम
चाँद कहे अपने दिलों की बात
हम दोनों हैं साथ
चुप -चुप मैं और तुम
चाँद कहे अपने दिलों की बात
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अँधेरे में सपनों की
बस होने दो मुलाकात
और डूबने दो ख्यालों में मेरे
तुम अपने ख्यालात
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लड़ने दो खामोशियों
को उदासियों को जूझने दो
जवाब कुछ सवालों के
दिमाग को सूझने दो
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आँखों ही आँखों में
धडकनों को तुम घूमने दो
सांसों को दो प्रेमियों की तरह
देह की रंग-रंग में झूमने दो
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बहा दो झरने चट्टानों से
घोंसलों में पक्षियों को बसा दो
पेड़ों की पत्तियों को तुम
एक गीत कोयल का सुना दो
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अनमोल जो भी मोती है
उसे समुन्दर के सीप में छुपा दो
और करके शरारत ठंडी बर्फ सी तुम
शीतल मुस्कान से मुस्का दो
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सुहाना मौसम देखो साथ
लेलो हाथ में मेरा हाथ
रिमझिम हो रही है बरसात
तुम हो आस्था,मैं विश्वास
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एक रुपहली रात
हम दोनों हैं साथ
चुप -चुप मैं और तुम
चाँद कहे अपने दिलों की बात
----विवेक रतन सिंग
गूगल+ से साभार