वो हैं के वफ़ाओं में खता ढूंढ रहे हैं,
हम हैं के खताओं में वफ़ा ढूंढ रहे हैं !
हम हैं खुदा परस्त दुआ ढूंढ रहे हैं,
वो इश्क के बीमार दवा ढूंढ रहे हैं !
तुमने बड़े ही प्यार से जो हमको दिया है,
उस ज़हर में अमृत का मज़ा ढूंढ रहे हैं !
माँ-बाप अगर हैं तो ये समझो के स्वर्ग है,
कितने यतीम इनकी दुआ ढूंढ रहे हैं !
उस दौर में सुनते हैं के घर-घर में बसी थी,
इस दौर में हम शर्मो-हया ढूंढ रहे हैं !
वैसे तो पाक दामनी सबको पसंद है,
फिर आप क्यों औरत में अदा ढूंढ रहे हैं !
हाँ ! 'क़म्बरी' ने सच के सिवा कुछ नहीं कहा,
कुछ लोग हैं जो सच की सज़ा ढूंढ रहे हैं !
माँ-बाप अगर हैं तो ये समझो के स्वर्ग है,
कितने यतीम इनकी दुआ ढूंढ रहे हैं !
उस दौर में सुनते हैं के घर-घर में बसी थी,
इस दौर में हम शर्मो-हया ढूंढ रहे हैं !
वैसे तो पाक दामनी सबको पसंद है,
फिर आप क्यों औरत में अदा ढूंढ रहे हैं !
हाँ ! 'क़म्बरी' ने सच के सिवा कुछ नहीं कहा,
कुछ लोग हैं जो सच की सज़ा ढूंढ रहे हैं !
-----अंसार 'क़म्बरी'