जिंदगी में इस तरह आप,
ना कभी रोना सीखिए,
जिस तरह की दे रब जिंदगी,
उसे जीना सीखिए ।
फूलों की सी सेज होती नहीं है,
हर वक्त जिंदगी ,
ग़म, बेबसी, काँटे तो क्या,
गले लगाना सिखिये ।
ना कभी रोना सीखिए,
जिस तरह की दे रब जिंदगी,
उसे जीना सीखिए ।
फूलों की सी सेज होती नहीं है,
हर वक्त जिंदगी ,
ग़म, बेबसी, काँटे तो क्या,
गले लगाना सिखिये ।
त्याग समर्पण भी है जरूरी
एक सच्चे प्यार में ,
प्यार पाने से पहले,
प्यार को खोना भी सीखिए।
बेवफाई ,आंसू,उदासी गर,
दे गया वो तो ग़म नही,
इश्क में चलता है ये सब,
स्वीकार करना सीखिए।
काँटे भी चुभेंगे दामन में,
अगर करोगे प्यार तुम,
ये सब चाहते नही ज़नाब,
फिर दूर रहना सीखिए।
-सुरेश अग्रवाल 'अधीर'