Thursday, September 1, 2016

आदाब अर्ज़ है....दैनिक भास्कर की पुरानी कतरन..2011

दैनिक भास्कर की पुरानी कतरन..2011


बैठे-बैठे गम में गिरफ्तार हो गए
किसी के प्यार में आबाद हो गए।
दो गज जमीन मिल ही गई मुझ गरीब को
मरने के बाद हम भी जमींदार हो गए।
-निकुंज आशर, सिवनी (मप्र)

कहने को आपका शहर मेरा भी शहर है,
इस शहर के भीतर का बियाबान देखिए।
मिल जाए गर फुर्सत किसी को कुछ पलों की
इस भीड़ में तन्हा-सा इक भगवान देखिए।
-पंकज सारस्वत, हनुमानगढ़ (राज)

ये काली घटाएं छट जाएंगी
और मोहक बदलियां बरस जाएंगी
गर प्रिय से मिलन जो हो न सका
ये बहारें सावन की लुट जाएंगी।
-सुगनचंद्र ‘नलिन’, गुना (मप्र)


मीठा सा दर्द होता है, कभी ज्यादा कभी कम
तेरे प्यार का है असर, या है कोई दर्द-ए-ग़म
बरसात तो नहीं मगर, बदला-सा है मौसम
दिल की ज़मीं पे बरसी है प्यार की शबनम
-शैलेश, जयपुर (राजस्थान)

ख़ामोश गुज़र जाते हैं वो क़रीब से
सवाल उठते हैं दिल में अजीब से
वो ख़फ़ा हैं या ये उनकी है अदा
शिकायत क्या करें अपने नसीब से
-विशाल जैन, छतरपुर (छत्तीसगढ़)

कौन कहता है, उसके बिना मैं मर जाऊंगा
मैं तो दरिया हूं, सागर में उतर जाऊंगा
वो तरस जाएंगे प्यार की इक बूंद के लिए
मैं बादल की तरह किसी पर भी बरस जाऊंगा
-निकुंज आशर, सिवनी (मध्यप्रदेश)

खामोश रहकर क्यूं हमें जलाते हैं वो
अपनी यादों से हमें क्यूं रुलाते हैं वो।
तस्वीर भी नहीं है मेरे पास उनकी
तो क्यूं बंद आंखों में नजर आते हैं वो।
-ज्ञानेश्वर गेण्डरे, सिमगा, रायपुर (छग)

यूं पड़ रही है चांदनी उनके शबाब पर
जैसे शराब खुद ही फिदा हो शराब पर।
उसके बरक-बरक को उड़ा ले गई हवा
मैंने तुम्हारा नाम लिखा जिस किताब पर।
-उमाश्री, होशंगाबाद (मप्र)

हथेलियों पर उनका नाम जब लिखती हैं उंगलियां
जमाने की चारों तरफ उठती हैं उंगलियां।
बड़े मुद्दतों के बाद आया उनका हाथ मेरे हाथों में
आज भी उन हसीन लम्हों को याद करती हैं उंगलियां।
-उमेश गोस्वामी, सिमगा (छग)

लबों से छूके वो ताजा गुलाब देता है
कि जैसे फूल में भरकर शराब देता है
चलो वो कहता है तुम साथ मेरे खजुराहो
मैं चुप रहूं तो दुपट्टा जवाब देता है।
-उमाश्री, होशंगाबाद (मप्र)

उसकी याद में हम बरसों रोते रहे
बेवफा वो निकले बदनाम हम होते रहे
प्यार में मदहोशी का आलम तो देखिए
धूल चेहरे पे थी हम आईना धोते रहे।
-सुरेश कुमार मेघवाल, कोछोर, सीकर (राज)

रिश्तों में वो पहले वाली बात नहीं रही
दिल में संजो लें ऐसी सौगात नहीं रही
मोहब्बत विज्ञापन या प्रोडक्ट बन गई है
दीवाना कर दे ऐसी मुलाकात नहीं रही।
-सुधा गुप्ता अमृता, कटनी (मप्र)

पास आपके दुनिया का हर सितारा हो
दूर आपसे गम का किनारा हो
जब भी आपकी पलकें खुलें सामने वही हो
जो आपको दुनिया में सबसे प्यारा हो।
-कु. रागिनी तायवाड़े, राजनांदगांव (छग)

तमाम ख्वाब देखे एक और देखना है
कभी रूबरू जब होंगे जी भरके देखना है
हम तो हंसते मुस्कराते हुए जी रहे हैं
बस इसी दीवानगी का असर देखना है।
-उर्मिला यादव, भोपाल (मप्र)

सपना किसी भी आंख के अंदर नहीं मिलता
शोले धधक रहे हैं समंदर नहीं मिलता
मुट्ठी में रख सके जो मुकद्दर को बांध के
इस दौर में ढूंढे तो सिकंदर नहीं मिलता।
-अविनाश बागड़े, नागपुर (महाराष्ट्र)

सखियों से मेरी बातें किया करते हैं, 
जिंदगी से हमारी हमेशा खेला करते हैं। 
जमीन पर मेरा नाम लिखते और मिटाते हैं, 
उनका गुजरता वक्त है,हम मिट्टी में मिल जाते हैं।
-प्रदीप तम्बोली, प्रतापगढ़ (राज.)

नफ़रतों की नहीं कोई बयार है नारी, 
मां की ममता है, बहन का प्यार है नारी। 
ये नए रिश्तों को बखूबी निभा लेती, 
आन पे बन आए तो तलवार है नारी।
-अमर मलंग, कटनी (मप्र)

कुछ लोग जरा-सा सबर नहीं रखते 
इंसान पहचानने की नजर नहीं रखते 
चीर तो सकते हैं पहाड़ों का सीना 
हम सच बोलने का मगर जिगर नहीं रखते।
-नरेंद्र तायवाड़े, राजनंदगांव (छग)

4 comments:

  1. वाह! बहुत सुन्दर विविध संकलन प्रस्तुति ...

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  2. बेहतरीन संकलन यशोदा जी .

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  3. बेहतरीन संकलन यशोदा जी .

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