मैं मुक्त हूँ !!!
+++++++++
मैं धरोहर हूँ तुम्हारी
निःसंकोच हो तुम
करो मेरी बात
मुक्ति की अभिलाषा
ना कल मुझमें थी
ना आज है ना आगे होगी
मैं ठहरता नहीं
ये और बात है
गत..विगत..आगत के
हर एक क्षण में
समाहित मैं
एक उत्सव की तरह
जो अपना ले सो अपना ले
मिथ्या अभिमान से
परे मैं बस जीता हूँ
क्षण-प्रति-क्षण में !!!
....
मैं मुक्त हूँ
सर्वबंधनों से
चाहो तो परख लो
बांधकर मुझे
या फ़िर अपना लो
जिस रूप मैं मिलूँ
मैं तुम्हारा हो जाऊँगा !!!
-सीमा 'सदा' सिंघल
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मैं धरोहर हूँ तुम्हारी
निःसंकोच हो तुम
करो मेरी बात
मुक्ति की अभिलाषा
ना कल मुझमें थी
ना आज है ना आगे होगी
मैं ठहरता नहीं
ये और बात है
गत..विगत..आगत के
हर एक क्षण में
समाहित मैं
एक उत्सव की तरह
जो अपना ले सो अपना ले
मिथ्या अभिमान से
परे मैं बस जीता हूँ
क्षण-प्रति-क्षण में !!!
....
मैं मुक्त हूँ
सर्वबंधनों से
चाहो तो परख लो
बांधकर मुझे
या फ़िर अपना लो
जिस रूप मैं मिलूँ
मैं तुम्हारा हो जाऊँगा !!!
-सीमा 'सदा' सिंघल
Kya baat hai .....:)
ReplyDeleteसीमा सदा सिंघल जी सुन्दर रचना प्रस्तुत्ति हेतु धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (07-09-2016) को हो गए हैं सब सिकन्दर इन दिनों ...चर्चा मंच ; 2458 पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुंदर अभिव्यक्ति ....मंगलकामनाएं !!
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteबहुत सुुंदर
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