लिखी जाती है कविता
कवि की भावनाएँ रहती है
समाहित जिसमें
उस कविता को पाठक पढ़ता है तो
उसमें प्रयास करता है...
ढूंढने का भाव, कवि का
पर नहीं आता है समझ
फिर देखता है
उतार-चढ़ाव
शब्द-विन्यास
प्रेम भाव....
और मर्म साथ में
धर्म भी..
असफल होने पर
फिर तलाशता है
अर्थ दूसरा ..
उस कविता में..
अंत में देखता है
कवि का नाम..
यदि कवि ख्याति प्राप्त है
तो प्रतिक्रिया देगा...
यदि कोई चलताऊ
कवि हो तो...
लिखेगा...लगे रहो
सादर...
बढ़िया पकड़ा है ।
ReplyDeleteबात किसके मुंह से निकली है, इसका बहुत महत्व है दुनिया में
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (07-07-2015) को "शब्दों को मन में उपजाओ" (चर्चा अंक-2660) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 10 जुलाई 2017 को लिंक की गई है...............http://halchalwith5links.blogspot.in आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 10 जुलाई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
ReplyDeleteक्या बात है दी सत्य एकदम सटीक बहुत सुंदर लिखा है आपने।
ReplyDeleteसादर
वाचक के मनोभावों को बखूबी तराशा है आपने. बेबाक अभिव्यक्ति. बधाई.
ReplyDeleteवाचक के मनोभावों को बखूबी तराशा है आपने. बेबाक अभिव्यक्ति. बधाई.
ReplyDeleteबहुत खूब....
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/07/25.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/07/25.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteबिल्कुल सत्य एवं सटीक आदरणीया । बहुत खूब ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति । पर यह एक कटु सत्य है ,नाम से ही चल रही है दुनियाँ ....नाम बड़ा ,वाहवाही बड़़ी ।
ReplyDeleteबहुत अच्छा और सत्य लिखा है |
ReplyDeleteआदरणीय यशोदा जी बहुत सटीक और सार्थक विषय बात लिखी आपने -- बहुत दम है आपकी बात में बहुत शुभकामना आपको -
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