आज हो रहा गाँव की
नवनिर्मित रोड का उद्घाटन
यहां अकेले रह रहा आखिरी बुजुर्ग
गाँव छोड़ रहा है
अनमना होकर
किंतु समाप्त नहीं होता
हरे-भरे वृक्षों का मोह
मटके का पानी
मिट्टी का सौंधी महक
ठण्डी हवाएं, फूलों की महक
नहीं है खुश, गहरे दुःख में है
फिर भी जा रहा है दूर शहर
बहू-बेटे के साथ की खातिर
-कविता भट्ट 'शैलपुत्री
सुन्दर
ReplyDeleteहृदय स्पर्शी रचना छोटे में कितना कुछ कहती ।
ReplyDeleteबेहद उम्दा....
ReplyDeleteआपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है|
हिंदी कविता मंच
https://hindikavitamanch.blogspot.com/2019/11/I-Love-You.html
मैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही शानदार है।
ReplyDeleteSantali Mp3 Download