Friday, June 29, 2018

मौन शोध.....डॉ. इन्दिरा गुप्ता


मौन तोड़ क्यूँ बात करें 
पुनि घात और प्रतिघात करें 
बेहतर थोड़ा सा चुप रह कर 
मन से मन की बात करें !

चिंतन और मनन की संतति 
मौन सुपुत्र सा ही साजे 
रार प्रतिकार उसे नहीं भाता 
हर मन का संताप हरे !

मौन विधा अति सुन्दर सुथरी 
कभी ना कोई अहित करें 
ना दूजे का ना ही खुद का 
मौन  रहे बस शोध करे !

-डॉ. इन्दिरा गुप्ता  ✍

6 comments:

  1. बहुत बढ़िया इंदिरा जी मौन रहकर बस शोध करें सुंदर रचना

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  2. सत्य कहा आदरणीया इंदिरा जी यदि मौन की महिमा सभी को समझ जाए तो यह संसार समस्त विद्वेषों व द्वंद्वों से मुक्त हो जाए सार्थक रचना🙏🙏🙏🙏

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (30-06-2018) को "तुलसी अदालत में है " (चर्चा अंक-3017) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. अनुग्रहीत हूँ डा रूप शास्त्री जी ...मौन लेखन मुखर हो उठा ..आपके लिंक में चयन से !
      तुलसी की पावन अदालत में जरूर हाजीरी लगेगी हमारी ....अतुल्य आभार !

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  4. आभारी हूँ सखी यशोदा जी ..मेरे .मौन को धरोहर मैं मुखरित किया ! लेखन के उत्साह को दद्विग्णित किया !
    🙏🙏🙏🙏🙏

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  5. सुन्दर रचना

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