आँसू बोलते हैं......संजीव कुमार बब्बर
आँसू बोलते हैं ये जाना
आँसुओं को तेरे देख कर
जब......
लब को तूने दबा लिया
साँसों को तूने थाम लिया
आँखों को तूने झुका लिया
तब......
आँखों से आँसू बहने लगे
उन पर तेरा वश न चला
ये आँसू सब कुछ कहने लगे
-संजीव कुमार बब्बर
वाह वाह ....बेहतरीन भाव ..
ReplyDeleteआँसू बोलते है ....👌👌👌👌👌
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (24-08-2018) को "सम्बन्धों के तार" (चर्चा अंक-3073) (चर्चा अंक-3059) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत लाजवाब रचना
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