Tuesday, March 28, 2017

टूटे हैं कुछ हसीं दिल जहां में......अनिरुद्ध सिन्हा


इतने आँसू  मिले  ज़िन्दगी से
और क्या चाहिए अब किसी से

खुद नशेमान से बाहर हुए हम
अपने  लोगों  की  बेचारगी से

रात गुज़री  महज़ करवटों  में
ज़ख्म मिलता  रहा रौशनी से


टूटे हैं कुछ हसीं दिल जहां में
दुश्मनी  से  नहीं  दोस्ती  से


जिस सलीके से सबसे है मिलता
लूट  लेगा  कभी  सादगी से
-अनिरुद्ध सिन्हा 

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