याद बहुत आये थे आँसू
प्यार की कसक भरे वे आँसू
मधुर मधुर उस मधुशाला में
रस से छलक उठे थे आँसू
सरिता से सागर रूठा था
या अवनि से जलधर रूठा था
साथ छोड़ रही थी कश्ती
साहिल का सिसक उठे थे आँसू
प्यार प्यार बस प्यार चाहिए
हर धड़कन पर अधिकार चाहिए
प्रिय की बेरुखी से व्याकुल
होकर हिलक उठे थे आँसू
सरिता से सागर रूठा था
ReplyDeleteया अवनि से जलधर रूठा था
साथ छोड़ रही थी कश्ती
साहिल का सिसक उठे थे आँसू
बहुत सुंदर रचना।।।।।
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteवाह !!!! बहुत सुंदर ।
ReplyDeleteआप सभी का हृदय से धन्यवाद
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