आओ होली जम कर खेलें
गिले-शिकवे सब को भूलें
और जीवन रंगीन बनाएं
सबको ऐसे गुलाल लगाऐं
क्यों ना आने-जाने वालों को हम
आज अपनी पिचकारी से नहलाऐं
भांग की ठंडाई इतनी पिलाए कि
वो झूमता दिन भर ही जाये
आज पड़ोस की भाभी से भी
थोड़ी हँसी ठिठोली कर आयें
मेक अप के ऊपर थोड़ा सा
गोल्डन कलर का टच दे आयें
डाँटने वाले अँकल से हम
बॉल नहीं आशीष ले आयें
बहुत सताया हमने साल भर
रंग लगा के आज पैर छू आयें
गली के छोटे- छोटे बच्चों की
आज बड़ी- बड़ी मूँछ बनाये
पर याद रहे कि गुब्बारे से
चोट किसी को ना लग पाये
गुजिया और दही भल्ले खाकर
हंसी-खुशी सब होली को मनाऐं
तो फिर बहुत मजा आ जाये
तो फिर बहुत मजा आ जाये
होली की शुभकामनाएं । सुन्दर रचना।
ReplyDeleteधन्यवाद,मेरी तरफ से भी , सभी मित्रों को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं ।
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ReplyDeleteहंसी ख़ुशी मिलजुल होली खेली
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना ...
सभी को होली की अग्रिम शुभकामनाएं
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (12-03-2017) को
ReplyDelete"आओजम कर खेलें होली" (चर्चा अंक-2604)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
आप सभी को धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत सुन्दर। होली की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबढ़िया कल्पना है होली की !
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएं ,होली हर वर्ष मनाएं |
ReplyDeleteसद्भाव प्रेम है होली ,खुशियों की है होली ||