समझौतों से भरा है यह जीवन -
जिधर समझौता है उधर जीवन है।
जिधर समझौता है उधर जीवन है।
जिधर समझौता नहीं है उधर -
जीवन भर बस रोना ही रोना है।
जीवन भर बस रोना ही रोना है।
जीवन भर रोने से तो बेहतर है कि -
हर जगह पर हर रिशते नाते मे -
हर जगह पर हर रिशते नाते मे -
बस समझौता करने की ही कोशिश करो -
जीवन अपने आप ख़ुशहाल रहेगा॥
जीवन अपने आप ख़ुशहाल रहेगा॥
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हर वो चीज़ जो जिन्दगी में -
आवश्यकता से अधिक होती है।
आवश्यकता से अधिक होती है।
वही जहर होती है, फिर चाहे वो -
ताक़त हो, धन हो भूख हो लालच हो -
ताक़त हो, धन हो भूख हो लालच हो -
अभिमान हो, आलस हो महत्वकाँक्षा हो -
प्रेम हो या घृणा हो -
प्रेम हो या घृणा हो -
जो भी चीज़ आवश्यकता से -
अधिक हो वो ज़हर ही है॥
अधिक हो वो ज़हर ही है॥
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दिल मे अरमान बहुत है -
आँखो मे सपने है बहुत।
आँखो मे सपने है बहुत।
हमारे जीने का अंदाज ही कुछ अलग -
एक आँख में आँसू है तो -
एक आँख में आँसू है तो -
दूसरे मे ख्वाब बहुत है -
ख्वाब तो अकसर टूटते ही है लेकिन -
ख्वाब तो अकसर टूटते ही है लेकिन -
टूटे हुये ख्वाबाें मे आँसू बहा लेते है,
और दूसरी तरफ फिर से नये सपने सजा लेते है।
और दूसरी तरफ फिर से नये सपने सजा लेते है।
सपने लेने से कभी पूरे भी हो जाया करते है॥
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कश्तियाँ रह जाती है तूफान चले जाते है।
यादें रह जाती है इंसान चले जाते है।
प्यार कम नहीं होता किसी के दूर जाने से -
बस इक दर्द सा रहता है उनकी याद आने से॥
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मन का भी क्या कहना -
कभी कभी सब कुछ हो कर भी।
कभी कभी सब कुछ हो कर भी।
यह मन उदास रहता है -
कभी कुछ ना होकर भी मन -
कभी कुछ ना होकर भी मन -
उत्साहित और खुश रहता है।
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यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ -
बोलता या काम करता है।
बोलता या काम करता है।
तो उसे कष्ट ही मिलता है।
यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ -
बोलता या काम करता है तो -
बोलता या काम करता है तो -
उसकी परछाई की तरह ख़ुशी -
उसका साथ कभी नहीं छोडती॥
-विमल गांधी
उसका साथ कभी नहीं छोडती॥
-विमल गांधी
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