Sunday, April 30, 2017

नीन गायब निदान गायब बा.....नूर मुहम्मद ‘नूर’

भोर गायब, बिहान गायब बा
रोसनी के निसान,, गायब  बा

का कहीं देस के खबर तो से
देंह भर बा, परान गायब बा

नवका साहेब के एजेंडा से
खेत गायब, किसान गायब बा

जिल्द भर रह गइल बा हाथे में
बीच से संविधान गायब बा

ई जे लउकत बा, इंडिया ह इ
अउर हिंदोस्तान  गायब बा

खांसि के टिमटिमा रहल बा दीया
नीन गायब निदान गायब बा।

4 comments:

  1. नीनो आई, निदानों आई,
    देर तीजहरिया बिहानो आई।
    मन मे असरा के ढिबरी जराइ
    मेहनत के पसीनवा से देशवा पटाई।
    .................. .
    बधाई, बधाई, बधाई, बधाई!!!

    ReplyDelete
  2. वाह ! बहुत खूब ,सुंदर रचना

    ReplyDelete