Tuesday, May 29, 2012

जी रहे हैं हम कफ़न ओढ़े हुए !!.............राहुल गुप्ता स्पर्शी

जिन्दगी की हर ख़ुशी छोड़े हुए !
जी रहे हैं हम, कफ़न ओढ़े हुए !!
०००००००००००
जान से अपनी जुड़े गम ही रहे !
कभी हुए ज्यादा, कभी थोड़े हुए !!
.....जी रहे हैं हम कफ़न ओढ़े हुए !!
०००००००००
रिश्ता बनता ही गया वीराने से !
बरसों हो गए ..चमन छोड़े हुए !!
.....जी रहे हैं हम कफ़न ओढ़े हुए !!
०००००००००
जिसके क़दमों पे झुकी नज़रें रहीं !
चलते रहे हैं वो, कदम मोड़े हुए !!
.......जी रहे हैं हम कफ़न ओढ़े हुए !!
०००००००००
दिल को तेरे प्यार में तोड़े हुए !
यादों से इस जान को जोड़े हुए !!

.....जी रहे हैं हम कफ़न ओढ़े हुए !!
--राहुल गुप्ता स्पर्शी, 
--ग्वालियर 
-09826347016
-प्रस्तुति करणः राजीव थेपड़ा

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