नींद में चांद चल रहा होगा
ख़्वाब कोई मचल रहा होगा.
हूक़ उठती है दिल लरज़ता है
कोई कहके बदल रहा होगा.
वो हवाओं से बैर क्यों लेगा
जो चिरागों सा जल रहा होगा.
आँख नींदों से भर गया कोई
ख़्वाब नैनों में मल रहा होगा.
आप आये बड़ी नवाज़िश है
आपका दिल पिघल रहा होगा.
इन मुंडेरों पे चाँद खिलता था
ख़ूबसूरत वो पल रहा होगा.
हाँ यहीं पर बना है ताज़महल
हाथ हाथों में कल रहा होगा.
दिन ढला फिर वही कयामत है
दिल मचलकर संभल रहा होगा.
वाह्ह्ह...लाज़वाब गज़ल..👌👌
ReplyDeleteवाह।
ReplyDeleteवाह..वाह..वाह...लाज़वाब
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (29-10-2017) को
ReplyDelete"सुनामी मतलब सुंदर नाम वाली" (चर्चा अंक 2772)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर ग़ज़ल
ReplyDeletebahut hi achi rachna hai apki taraf se. https://desibabu.in/
ReplyDeleteHere is best hindi shayari collection for facebook whatsapp and Instagram status and post.
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