आपकी याद में
आँखें नम रहती हैं, आपकी याद में
साँसें थमी हैं , आपकी याद में
होंठ तो चुप रहते हैं लेकिन
अब खामोशियाँ बोलती हैं, आपकी याद में
न खुद की खबर है और न दुनिया की कोई खबर
सबको भूल गए हैं, आपकी याद में
इश्क की बातें सुनी थी जमाने से
इश्क को जाना है, आपकी याद में
जिंदगी की खूबसूरती के बारे में पढ़ा था किताबों में
इसकी खूबसूरती को महसूस किया है, आपकी याद में
यादों की दुनिया में खोई रहती हूँ आजकल
दीवानी हो गई हूँ, आपकी याद में
बहुत बेचैन रहती हूँ आजकल
दिल की धड़कनें अब धड़कती हैं, आपकी याद में
सजती-संवरती रहती हूँ आजकल दिन भर
खुद से मोहब्बत करने लगी हूँ, आपकी याद में
न जाने क्या-क्या खोया ?
और क्या-क्या पाया है, आपकी याद में ...
रचनाकात :: अज्ञात
प्रस्तुति करण :: सोनू अग्रवाल
आँखें नम रहती हैं, आपकी याद में
साँसें थमी हैं , आपकी याद में
होंठ तो चुप रहते हैं लेकिन
अब खामोशियाँ बोलती हैं, आपकी याद में
न खुद की खबर है और न दुनिया की कोई खबर
सबको भूल गए हैं, आपकी याद में
इश्क की बातें सुनी थी जमाने से
इश्क को जाना है, आपकी याद में
जिंदगी की खूबसूरती के बारे में पढ़ा था किताबों में
इसकी खूबसूरती को महसूस किया है, आपकी याद में
यादों की दुनिया में खोई रहती हूँ आजकल
दीवानी हो गई हूँ, आपकी याद में
बहुत बेचैन रहती हूँ आजकल
दिल की धड़कनें अब धड़कती हैं, आपकी याद में
सजती-संवरती रहती हूँ आजकल दिन भर
खुद से मोहब्बत करने लगी हूँ, आपकी याद में
न जाने क्या-क्या खोया ?
और क्या-क्या पाया है, आपकी याद में ...
रचनाकात :: अज्ञात
प्रस्तुति करण :: सोनू अग्रवाल
किसी की याद में सब कुछ भुला देना ...
ReplyDeleteगज़ब लिखा है ...
शुक्रिया नासवा भाई साहब
Deleteऔर क्या-क्या पाया है, आपकी याद में ...
ReplyDeleteदिलफरेब भी...दिलकश भी....
बहुत खूब...................
धन्यवाद राहुल
Deleteआँखें तो मेरी भी आंसुओं से भर गई हैं |न बहने का नाम लेते हैं न थमने का |बस झिलमिलाता है उनमें एक चेहरा |
ReplyDeleteआपकी पहली प्रतिक्रिया पर आपकी एक पंक्ति....आभर
Deleteये मेरे ज़िन्दगी का पहला एहसास था वोटिंग का.............जिसे हम अपने दिल-ओ-दिमाग में सहेज कर रखेंगे....!
शुभ संध्या
ReplyDeleteशुक्रिया रवि भाई
आभार
खूबसूरत एहसास
ReplyDeleteआभार.. अनु बहन
ReplyDeleteगहन भाव लिए उत्कृष्ट प्रस्तुति ...
ReplyDeleteदीदी शुक्रिया
ReplyDeleteरचना वाकई में बहुत उम्दा है।
ReplyDeleteशुक्रिया...
Deleteआप मेरी धरोहर में पधारे
बस भैय्या मैं पढ़ती हूँ और
यदि कम्प्यूटर पर पढ़ी तो यहाँ सहेज लेती हूँ
पत्र-पत्रिका में छपी रचना को पुरानी कॉपियों में चिपका देती हूँ
समयानुकार टाईप कर यहाँ रख देती हूँ
जब तक गूगल है तब तक सुरक्षित तो है ही
सादर
सुंदर, भावपूर्ण ।
ReplyDeleteआभार आशा ताई
Deleteपोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
ReplyDeleteबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.