नाम से भी मेरे नफ़रत है उसे
मुझसे इस दर्जा मुहब्बत है उसे
मुझको जीने भी नहीं देता वो
मेरे मरने की भी हसरत है उसे
रूठ जाऊँ तो मानता है बहुत
फिर भी तड़पाने की आदत है उसे
उसको देखूँ मैं बंद आँखों से
गैरमुमकिन सी ये चाहत है उसे
जब भी चाहे वो सता लेता है
ज़ुल्म ढाने की इजाज़त है उसे
वो 'मनु' पे है जाँ-निसार बहुत
और 'मनु' से ही हिक़ारत है उसे
-मनु भारद्वाज 'मनु'
वाह सुन्दर।
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteख़ूब
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट धन्यवाद hindi varnamala
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट धन्यवाद hindi vyakarn
ReplyDeleteI read your post and it is good to read, thank you heartily for writing such a post.
ReplyDeleteKerala Lottery Ticket