शुभ कामनाएँ
राखी की
यही एक ऐसा पर्व है
जो हफ्तों मनाया जाता है
क्योंकि...
लेन-देन
समाहित है
इस पर्व में
प्यार का
स्नेह का
और....
मातृ दिवस
और
पितृ दिवस
सिर्फ.....
सुबह तक ही
सीमित रहता है
क्योंकि....
इस पर्व में
सिर्फ और सिर्फ
देन ही होता है
वो भी भुगतान
के रूप में
एक कर्ज का
जो कभी
खर्च किया था
माता-पिता नें
अपने बच्चों पर
सोचिये ज़रा
इस पावन पर्व के दिन
उनसे बंधवाइये
आज राखी
और वचन दीजिये उन्हें
उनकी रक्षा का......
मन की उपज
-यशोदा
भावपूर्ण रचना .... सार्थक आव्हान
ReplyDeleteभावनाओं का अनुपम संगम ...... बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (11-08-2014) को "प्यार का बन्धन: रक्षाबन्धन" :चर्चा मंच :चर्चा अंक:1702 पर भी होगी।
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भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक
पावन रक्षाबन्धन पर्व की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर सोच और रचना
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, रक्षा बंधन की शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteउन सब की सुरक्षा और उनके विश्वास की रक्षा का सूत्र बंधा है जिस कलाई में ,वह सुरक्षित और सन्नद्ध रहे !
ReplyDeleteहार्दिक शुभ कामना रक्षाबंधन की।
ReplyDeleteजहां जहां देखो बहनों पे अन्याय
टूट पडो दुष्मन पर तुरत ही कर दो न्याय।
इतनी पावन भावना सब में समाये ,रक्षा पर्व हर्षित होकर मनाये ,बहुत बढियाँ
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