Sunday, August 10, 2014

राखी............यशोदा













शुभ कामनाएँ
राखी की
यही एक ऐसा पर्व है
जो हफ्तों मनाया जाता है

क्योंकि...
लेन-देन 
समाहित है
इस पर्व में
प्यार का
स्नेह का
और....
मातृ दिवस

और
पितृ दिवस
सिर्फ.....
सुबह तक ही

सीमित रहता है
क्योंकि....
इस पर्व में
सिर्फ और सिर्फ

देन ही होता है
वो भी भुगतान 

के रूप में
एक कर्ज का
जो कभी 

खर्च किया था
माता-पिता नें
अपने बच्चों पर
सोचिये ज़रा
इस पावन पर्व के दिन
उनसे बंधवाइये
आज राखी
और वचन दीजिये उन्हें
उनकी रक्षा का......

मन की उपज
-यशोदा

9 comments:

  1. भावपूर्ण रचना .... सार्थक आव्हान

    ReplyDelete
  2. भावनाओं का अनुपम संगम ...... बेहतरीन प्रस्तुति

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (11-08-2014) को "प्यार का बन्धन: रक्षाबन्धन" :चर्चा मंच :चर्चा अंक:1702 पर भी होगी।
    --
    भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक
    पावन रक्षाबन्धन पर्व की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर सोच और रचना

    ReplyDelete
  5. बहुत ही सुन्दर, रक्षा बंधन की शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  6. बहुत सुन्दर....रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  7. उन सब की सुरक्षा और उनके विश्वास की रक्षा का सूत्र बंधा है जिस कलाई में ,वह सुरक्षित और सन्नद्ध रहे !

    ReplyDelete
  8. हार्दिक शुभ कामना रक्षाबंधन की।
    जहां जहां देखो बहनों पे अन्याय
    टूट पडो दुष्मन पर तुरत ही कर दो न्याय।

    ReplyDelete
  9. इतनी पावन भावना सब में समाये ,रक्षा पर्व हर्षित होकर मनाये ,बहुत बढियाँ

    ReplyDelete