Friday, December 11, 2020

" होशियार बुज़ुर्ग " ....स्मित हास्य



आयकर अधिकारी ने एक बुज़ुर्ग करदाता को अपने कार्यालय में बुलाया...

करदाता ठीक समय पर पहुंच गया, अपने वकील के साथ... 

आयकर अधिकारी : आप तो रिटायर हो चुके हैं, हमें पता चला है कि आप बड़े ठाट- बाट से रहते हैं, इसके लिए पैसे कहां से आते हैं...?  

करदाता : जुए में जीतता हूँ ...!  

आयकर अधिकारी : हमें यकीन नहीं...!

करदाता : मैं साबित कर सकता हूँ...! क्या आप एक Demo देखना चाहते हैं...?    

आयकर अधिकारी : अच्छी बात है, जरा हम भी देखें... शुरू हो जाइये... !  

करदाता : एक हज़ार रुपए की शर्त लगाने के लिए क्या आप तैयार हैं....? मैं यह दावा कर रहा हूं कि मैं अपनी ही एक आँख को अपने दाँतों से काट सकता हूँ...!  

आयकर अधिकारी : क्या...?   नामुमकिन, लग गई शर्त...!    

करदाता अपनी शीशे की एक कृत्रिम आँख निकालकर अपने दाँतों से काटता है... !  

आयकर अधिकारी ने हार मान ली और एक हज़ार रुपये उस वृद्ध करदाता को दे दिये... !  

करदाता : अब दो हज़ार की शर्त लगाने के लिए तैयार हो... ?  
मैं अपनी दूसरी आंख को भी काट सकता हूँ... !  

आयकर अधिकारी ने सोचा, ज़ाहिर है कि यह अँधा तो नहीं है..... 
उसकी दूसरी आँख शीशे की नहीं हो सकती, कैसे कर पायेगा ....?  देखते हैं ...!   

 बोला: लग गई शर्त...!!

करदाता ने अपने नकली दाँत मुँह से निकालकर, अपनी आँख को हलके से काटा.. !!!  

आयकर अधिकारी हैरान हुआ पर कुछ कह नहीं सका.. और चुपचाप दो हज़ार रुपये अदा कर दिये...! 


करदाता ने आगे कहा : चलो एक और मौका देता हूँ आपको......
दस हज़ार की शर्त लगाने के लिये तैयार हो...?  

आयकर अधिकारी ने कहा : अब कौन-सी बहादुरी का प्रदर्शन करोगे...?   

करदाता ने कहा : आपके कमरे में कोने में जो कूड़े का डिब्बा है.... मेरा दावा है कि मैं यहाँ आपकी मेज़ के सामने खड़े होकर...सीधे उस डिब्बे के अँदर थूक विसर्जन कर सकता हूँ.... !!   

और आपकी टेबल पर एक बूँद भी नहीं गिरेगी.... 

तभी वकील जोर से चिल्लाया : मत लगाओ, मत लगाओ...!  

लेकिन आयकर अधिकारी नहीं माना...  उसने देखा कि दूरी १५ फुट से भी ज्यादा है और कोई भी यह काम नहीं कर सकता......!  

और इस बुड्ढे से तो ये बिल्कुल भी नहीं हो सकेगा...!!!  

इस तरह बहुत सोचकर अपने खोये हुए पैसे को वापस जीतने की उम्मीद से..... वह शर्त लगाने के लिए तैयार हो गया ...!  

वकील ने माथा ठोक लिया ...! 

करदाता मुँह नीचे करके, शुरू हो गया पर ...उसकी कोशिश नाकामयाब रही....!  

उसने आयकर अधिकारी की टेबल को थूक से खराब कर दिया...!!  

लेकिन आयकर अधिकारी बहुत ख़ुश हुआ ...!    

उसने देखा करदाता का वकील रो रहा है... !   

उसने पूछा :  क्या बात है, वकील साहब......?? 

वकील ने कहा : आज सुबह इस शैतान ने मुझसे पचास हज़ार की शर्त लगाई थी......  कि वह इनकम टैक्स वालों की टेबल पर थूकेगा और वो बजाये नाराज़ होने के उल्टे ...इससे खुश होंगे...!!

मैं तो लुट गया ...साहेब...!!!



तो ऐसे होते हैं हमारे बुज़ुर्ग ...
कृपया उन्हें हल्के में लेने की गलती मत करना
(जनहित में प्रस्तुत)

Thursday, December 10, 2020

इस आत्महत्या के युग में, कैसे खिलते हैं फूल: दिनकर कुमार इरशाद



इस आत्महत्या के युग में
कैसे खिलते हैं फूल
मंडराते हैं भँवरे
गाती है कोयल

इस आत्महत्या के युग में
कैसे नदी जाकर
मिलती है सागर से
कैसे लहरें मचलती हैं
चाँद को छूना चाहती हैं

इस आत्महत्या के युग में
कैसे खिलते हैं फूल
मंडराते हैं भँवरे
गाती है कोयल

इस आत्महत्या के युग में
कैसे नदी जाकर
मिलती है सागर से
कैसे लहरें मचलती हैं
चाँद को छूना चाहती हैं
इस आत्महत्या के युग में
कैसे प्रेम किया जाता है
कैसे भावनाओं को
जिया जाता है
कैसे अंकुरित हो पाते हैं बीज
इस आत्महत्या के युग में
कैसे बची रह पाती है
जीने की ललक
दुनिया को बदल डालने
की सनक
कैसे हृदय के कोमल हिस्से में
चुपचाप छिपे रहते हैं
इन्द्रधनुषी सपने। 
-दिनकर कुमार इरशाद


Wednesday, December 9, 2020

चंचल तितली ...हरिवंशराय बच्चन

रंग-बिरंगे पर फड़काती, 

तितली जब बगिया में आती 

सब बच्चो के मन को भाती,  

सब बच्चो का जी ललचाता


फूलो के ऊपर मंडराती, 

पत्तों के पीछे छिप जाती 

रंगत कैसे इतनी पाती 

नहीं किसी को भी बतलाती


जी में आता उसे पकड़कर 

हम अपने घर में ले आए 

अपनी दादी को दिखलाए 

अपने दादा को दिखलाए


यह चंचल-चालाक बड़ी है 

हाथ किसी के कभी न आती 

हाथो कि छाया भी उस पर 

पड़ी कि वह झट से उड़ जाती


तितली रानी, बोल सको तो 

इतना तो जाओ बतलाती 

मुझको याद तुम्हारी आती 

मेरी याद तुम्हे भी आती ?

-स्मृतिशेष हरिवंशराय बच्चन
मूल रचना


Thursday, November 26, 2020

यदि भारत और चीन में युद्ध होता है तो किस देश का ज्यादा नुकसान होगा?

यदि भारत और चीन में युद्ध होता है तो किस देश का ज्यादा नुकसान होगा?

जहां तक भारत और चीन की तुलना की बात है तो चीन बेशक कागजों में मजबूत है पर मैं चीन की अन्य शत्रु देशों से उसके मोर्चों के आधार पर विवेचना करुंगा।


थल सेना

अगर भारत और चीन की थल सेना की बात की जाए तो चीन सेना के लगभग २१ लाख सक्रिय जवानों की तुलना में भारतीय सेना के १४ लाख सक्रिय जवान है पर अगर इसमें CRPF,CISF,BSF,BTSF जैसे अर्ध सैनिक बलों को मिला दिया जाए तो ४५ लाख से ऊपर है और चीन के ३५ लाख आसपास बैठेंगे । भारत की सेना को मुख्य रुप से चीन और पाकिस्तान से निपटना है जिसके लिए १३ लाख की सक्रिय सेना काफी है ५ लाख पाकिस्तान के लिए और ८ लाख चीन के लिए दुसरी चीन को अमेरिका जापान वियतनाम ताइवान लाओस और इंडोनेशिया से सीधी चुनौती है और वो किसी भी स्थिति में भारत से लड़ने ५ लाख से ज्यादा नहीं भेज सकता साथ ही साथ तिब्बत की भौगोलिक स्थिति भारतीय सेना के ज्यादा अनुकूल है।साथ ही ताजा खबरों के अनुसार भारत ने दक्षिणी चीन सागर में अपने जंगी जहाज़ों के बेड़े को चुपचाप तैनात कर दिया है जिससे चीन में बौखलाहट है।


वायुसेना

अब बात करते हैं वायुसेना की चीन के पास लगभग ३००० हजार फाइटर जेट है और भारत के पास लगभग २००० हजार पर चीन अपने अन्य अग्रलिखित मोर्चों के अनुसार ८००-१००० से ज्यादा भारत के साथ युद्ध में नहीं उतार सकता अगर अमेरिकी वायुसेना ने दबाव बनाया तो इससे भी कम तकनीकी रूप से भारत के फाइटर जेट चीनी फाइटर जेटो का मुकाबला कर सकते हैं क्योंकि चीन ने उसे पुराने रुसी फाइटर प्लेनो की नकल करके बनाया और वो भारत के पास भी है दुसरी तरफ भारत के मिराज और राफेल का मुकाबला कोई भी चीनी फाइटर जेट नहीं कर सकता और तिब्बत में ईंधन और दूरी के मामले में भारत फायदे में है।

नौसेना

हिन्द महासागर में भारतीय नौसेना को कोई भी चुनौती देने की स्थिति में नहीं है मलक्का खाड़ी में भारत चीन के व्यापारिक जहाजों को रोक सकता है जो चीन के दो तिहाई से ज्यादा विदेशी व्यापार का हिस्सा है यही चीन की सबसे बड़ी कमजोरी या दुखती रग है चीनी नौसेना अपने इलाके में जापानी अमेरिकी नौसेना के साथ बुरी तरह उलझी हुई है इसलिए युद्ध की स्थिति में वो एक तरह ब्लोक हो जायेगी ताजा खबरों के मुताबिक भारत ने दक्षिण चीन सागर में जंगी बेड़ा तैनात कर दिया है जो चीन के लिए ख़तरे की घंटी है।

भारत पिछले दो दशकों से सबसे उन्नत विदेशी हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार भी है जो चीन के लिए सुलभ नहीं है १९६२ के बाद भारत ने कई युद्ध जीते है और लगातार अपनी स्थिति मजबूत की है दुसरी तरफ चीन १९६२ के बाद रुस और वियतनाम जैसे देशो बूरी तरह से युद्ध हारा है इसलिए वो किसी भी स्थिति में आज युद्ध में भारत का मुकाबला नहीं कर सकता वरन उसे तिब्बत के खोने का डर है इसलिए वो इस तरह की हरकतें करता है ताकि अंतरराष्ट्रीय दबाव में भारत कोई सैनिक कार्रवाई न करें।
प्रस्तोताः राज यादव
मूल आलेख के लिए यहां देखें


Wednesday, November 25, 2020

सबसे सुंदर और सस्ता देश

कम खर्च में परिवार के साथ घूमने वाले कौनसे स्थान हैं?

सबसे सुंदर और सस्ता देश - हम भारतीयों का हमेशा एक सपना होता है कि हम कम से कम एक बार विदेश यात्रा करें, चाहे वह पत्नी के साथ हनीमून हो या बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने का कार्यक्रम।

लेकिन पैसे की कमी कहें या बचत, हम सभी विदेश जाने के नाम पर संकोच करते हैं क्योंकि वहां जाने के लिए सोचना एक बात है और वहां खर्च बढ़ाना दूसरी बात है।

हम सभी जानते हैं कि बाहरी देश बहुत महंगे हैं लेकिन हम आपको बता दें कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जिनका पैसा भारतीय मुद्रा से बहुत कम है। इन देशों की मुद्रा भारत के रुपये से इतनी कम है कि आपको यहां एक करोड़पति महसूस होगा।

आज हम आपको दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत और सस्ते देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी करेंसी रेट भारत के मुकाबले इतनी कम है कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे। दुनिया भर से लोग इन जगहों पर घूमने और छुट्टियां बिताने आते हैं।

यह सबसे सुंदर और सस्ता देश न केवल सस्ता है, बल्कि दुनिया के सबसे शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है।

सबसे सुंदर और सस्ता देश

1 - श्रीलंका

श्रीलंका हमारा पड़ोसी है और मुद्रा के मामले में भारत का एक रुपया 2 श्रीलंकाई रुपये के बराबर है। इसका मतलब है कि डबल। यहां जाने से आपका सारा पैसा दोगुना हो जाएगा।

2 - हंगरी

एक भारतीय रुपये की कीमत हंगरी में 4 हंगेरियन फ़ोरिंट है। यहां जाने पर आपका पैसा चार गुना ज्यादा हो जाएगा।

3- जिम्बाब्वे

यहां आपको एक भारतीय रुपए के लिए 6 जिम्बाब्वे डॉलर मिलेंगे। यानी यहां जाने से हर एक रुपये का गुणा हो जाएगा।

4- कोस्टा रिका

कोस्टा रिका में एक भारतीय रुपये की कीमत 8 कॉलोन है। आपको यहाँ पर ठंडी हवाओं के साथ ज्वालामुखी पहाड़ों से भरा एक बहुत ही खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलेगा।

5 - मंगोलिया

इस देश में, आपके रुपये का मूल्य बढ़कर 30 गुना हो जाएगा। यानी यहां जाने से आपका भारतीय रुपया 30 तुगरिक हो जाएगा।

6 - कंबोडिया

कंबोडिया में, एक भारतीय रुपये की कीमत 63 कंबोडिया रेल है। यहां आप भी अमीरों की तरह खर्च कर सकेंगे और यहां के पुराने किलों का आनंद ले सकेंगे।

7 - पैराग्वे

इस देश में एक भारतीय रुपये की कीमत 88 पराग्वे ग्वारानी बन जाती है। यह जगह खूबसूरत झरनों से भरी हुई है।

8- इंडोनेशिया

इंडोनेशिया में, एक भारतीय रुपए की कीमत 206 इंडोनेशियाई रुपए है, इसका मतलब है कि यहां आपके 1 लाख रुपए की कीमत 2 करोड़ 60 हजार रुपए होगी।

9 - बेलारूस

बेलारूस जैसे खूबसूरत देश की मुद्रा दर भी भारत की तुलना में बहुत कम है और यहां आपका 1 रुपया 216 रूबल के बराबर है।

10 - वियतनाम

वियतनाम में, एक भारतीय रुपये की लागत 350 वियतनामी डोंग है। यानी यहां जाने से आपके 1 लाख रुपये 3 करोड़ 50 लाख हो जाएंगे।

यह सबसे सुंदर और सस्ता देश है - आप करोड़पति नहीं हैं। तो अब अगर आप छुट्टी की योजना बना रहे हैं, तो आप इन 10 को अपनी सूची में शामिल कर सकते हैं।

विषय - वस्तु का स्रोत: 
दुनिया के 10 सबसे खूबसूरत और सस्ते देश जहां जाकर भारतीय बन जाते हैं करोड़पति - Youngisthan Hindi | DailyHunt


प्रस्तोताः कपिल माथुर

Wednesday, November 11, 2020

अपनी औकात की मत नुमाईश करो ...कौशल शुक्ला


देख गिरी दीवार, धमाका मेरा है
इस प्रदेश का सीएम, काका मेरा है
जुबां हिलाने से पहले यह तय कर ले
मेरी है सरकार, इलाका मेरा है

प्यार नहीं फिर भी यह दावा काहे का ?
लुटने को तैयार, छलावा काहे का ?
मुझको पानी-पानी करके खुश हो ले
दिल मे रखते हो यह लावा काहे का ?

आज जुदा हूँ तो पछतावा काहे का ?
देते हो हर रोज बुलावा काहे का ?
घर में भुजी भांग नहीं तेरे 'कौशल'
भोज जायकेदार, दिखावा काहे का ?

बस यूँही रास्ता नापते-नापते
आ गया मैं इधर ही, जहाँ आप थे
'अपनी औकात की मत नुमाईश करो'
मेरे दिल ने कहा हाँफते-हाँफते
- कौशल शुक्ला


Tuesday, November 10, 2020

द्रोण तो बेचारे बुरे हो गए। जबकि उन्होंने पांडवो का धर्मयुद्ध में ध्यान रखा है।

गुरु दक्षिणा में एकलव्य के द्धारा अंगूठा काटकर देने के बाद एकलव्य का क्या हुआ?...शून्य से अनन्त पुस्तक से



ये बात तो एकलव्य को भी नही पता कि कुछ तथाकथित विद्वानों ने उसका अंगूठा ही कटवा दिया। द्रोण को तो ऐसे ही बदनाम कर रखा है। बेचारे अश्वथामा भी सोचते होंगे कि पिताजी का बुरा चरित्र किंसने करवाया? जबरदस्ती अंगूठा कटवा दिया। ओशो भी द्रोण को बदनाम कर गए। उन्होंने भी कह दिया कि तुम्हारे धर्म के गुरु तो बिना दीक्षा के ही दक्षिणा लें लिए। परन्तु ओशो ने भी बात बिगाड़ दी। अर्थ का अनर्थ कर दिया।

वास्तविकता ये थी कि द्रोणाचार्य को पता था कि आगे जाकर धर्मयुद्ध होगा। उन्हें इस बात का पहले ही आभास हो गया था। और एकलव्य के पिता कुरुराज्य के आधीन थे। जनपद के प्रमुख थे। इसीलिए निश्चय ही एकलव्य कौरवो के पक्ष से लड़ता। अधर्म की तरफ से लड़ता। धर्म के विरोध में रहता। एकलव्य अर्जुन के बराबर था। अर्जुन से युद्ध कर सकता था। हालांकि जीत तो फिर भी पांडव की होती परन्तु एकलव्य बाकी योद्धाओं और सेना का अच्छा खासा विनाश कर देता।

परन्तु नियति को धर्म की रक्षा करनी है। और द्रोण को यह सब पहले ही दिख रहा था। इसलिए द्रोण ने दक्षिणा स्वरूप एक वचन मांग लिया। वचन मांगा की एकलव्य आगामी धर्मयुद्ध में भाग न ले। बस यह सुनकर एकलव्य को झटका लगा। उसने कहा कि "गुरुदेव, आपने तो ऐसा वचन मांग लिया जैसे किसीने मेरा अंगूठा मांगा हो"।

बस, इतनी सी बात का रायता बनाकर कुछ विद्वानों ने परोस दिया। टीवी सीरियल ने भी यही काम किया। साम्प्रदायिक गुरूओं ने भी यही किया। यहां तक कि ओशो ने भी गलत कर दिया।

और बस, द्रोण तो बेचारे बुरे हो गए।
जबकि उन्होंने पांडवो का धर्मयुद्ध में ध्यान रखा है।