Tuesday, September 23, 2014

आज याद आए कौन...........जावेद अख़्तर


दर्द अपनाता है पराए कौन
कौन सुनता है सुनाए कौन


 कौन दोहराए वो पुरानी बात
ग़म अभी सोया है जगाए कौन

वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं
कौन दुख झेले आज़माए कौन

अब सुकूं है तो भूलने में है
लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन

आज फिर दिल है कुछ उदास-उदास
देखिए आज आज याद आए कौन

-जावेद अख़्तर
... मधुरिमा से..

11 comments:

  1. वाह ! बहुत ही खूबसूरत !

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  2. Javed akhtar ji ki gazal dil ko chuti hai ... Gazal sanjha karne ke liye dhanywad!!

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  3. Javed akhtar ji ki gazal dil ko chuti hai ... Gazal sanjha karne ke liye dhanywad!!

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  4. Javed akhtar ji ki gazal dil ko chuti hai ... Gazal sanjha karne ke liye dhanywad!!

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  5. भावपूर्ण रचना....

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  6. बहुत ही खुबसूरत गजल ....जावेद जी की गजल या पंक्तियाँ उस सतह से बनती है जहाँ कोई भी कवि उनके बाद ही पहुचता पाता है. उनके शब्दों की सादगी कायल करती है ......हमेशां !!

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  7. लाजवाब !
    जावेद जी की एक अच्छी रचना।

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  8. This comment has been removed by the author.

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  9. इस प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। ये एक बहुत ही अच्छा प्रयास अच्छे रचनाकारों को पाठकों से जोड़ने का। स्वयं शून्य

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