तुम मुझे याद रहती हो....
तुम अपनी आँखे मूंदे हो
इधर मैं जागता हूँ
तुम्हारे तकिये का नीचे
मेरी रातें इकट्ठा हैं..
मुझे तुम याद रहती हो
खुली और बंद आँखों मे
मेरे सपनों में न जाने
कितनी बातें इकट्ठा हैं..
मुझे भूले नहीं कुछ सच
पुरानेऔर सुख बीते जमाने के
उन्हीं सच और सुख की पुरनम
मुलाकातें इकट्ठा हैं......
बड़े चुपके से आई पास
और नींद ले गई चुपचाप
तुम्रे पास मेरी खुशियों की
सौगातें इकट्ठा हैं.....
--सुनील मिश्र
सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
ReplyDelete"स्वस्थ जीवन पर-त्वचा की देखभाल:कुछ उपयोगी नुस्खें"
मेरे सपनों में न जाने
ReplyDeleteकितनी बातें इकट्ठा हैं..
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sundar. badhiya
samvedanshil aur bhav pradhan prastuti
ReplyDeletewah!!!!
ReplyDeleteबड़े चुपके से आई पास
ReplyDeleteऔर नींद ले गई चुपचाप
तुम्रे पास मेरी खुशियों की
सौगातें इकट्ठा हैं.....
बेहद सुंदर भाव !
होली की बहुत बहुत मुबारक
नई पोस्ट
अब की होली
मैं जोगन तेरी होली !!
तुम मुझे याद रहती हो....
ReplyDeleteतुम अपनी आँखे मूंदे हो
इधर मैं जागता हूँ
तुम्हारे तकिये का नीचे
मेरी रातें इकट्ठा हैं..
तुम्रे पास मेरी खुशियों की
सौगातें इकट्ठा हैं.....
waah! Bahut sundar:-)
बहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteहोलिपर्व की शुभकामनाएँ...
:-)
बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteआपको होली की शुभकामनाएं!
http://voice-brijesh.blogspot.com
मुझे भूले नहीं कुछ सच
ReplyDeleteपुरानेऔर सुख बीते जमाने के
उन्हीं सच और सुख की पुरनम
मुलाकातें इकट्ठा हैं......
YADON KE BHI KAYEE SWAROOP HAEN,KABHI BHI KAISE BHI AAJAYEN........sanwedna bhari rachna......
ReplyDeleteबहुत खूब .आपको होली की हार्दिक शुभ कामना .