नजर मिलते ही ,हमारे ईमान गये
ऐ मोहब्बत ! हम तुमको पहचान गये
तुमको पाने, बेताब है हर शख्स यहाँ
कितने ही होकर यहाँ से परेशान गये
तेरा कहना कि समंदर, एक बूँद
पानी में है बंद, हम मान गये
देखकर तस्वीर तुम्हारी ,हमारे
ऐ मोहब्बत ! हम तुमको पहचान गये
तुमको पाने, बेताब है हर शख्स यहाँ
कितने ही होकर यहाँ से परेशान गये
तेरा कहना कि समंदर, एक बूँद
पानी में है बंद, हम मान गये
देखकर तस्वीर तुम्हारी ,हमारे
दिल में देखने वाले सभी हैरान गये
ऐसे ही नहीं, तुम्हारी हसरतों के
ऐसे ही नहीं, तुम्हारी हसरतों के
काफ़िले से लुटकर सभी मेहमान गये
-दिनेश पारीक "मेरा मन"
-दिनेश पारीक "मेरा मन"
http://facebook.com/dineshsgccpl
नजर मिलते ही ,हमारे ईमान गये
ReplyDeleteऐ मोहब्बत ! हम तुमको पहचान गये......gazab....bahut painy nazar .....
behtreen ....
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति-
ReplyDeleteआप दोनों का आभार-
सादर-
wah bhai bahut sundar likha hai
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteखूबसूरत .....
ReplyDeleteआपका बहुत २ आभार की अपने इस रचना को आपके यहाँ जगह दी
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