पुनः प्रकाशन..
आगे तो बढ़ !.....................अनुज तिवारी
राह देखती ,
तेरे इन्तजार मे ,
राहें भी आज ! १ !
आगे तो बढ़ !
हौसला है तुझमे ,
कदम बढ़ा ! २ !
कन्धे पे जमीं !
आसमान पैरों पे ,
अब दे झुका ! ३ !
दम तोड दे ,
पवन घुटन से ,
गर चाह ले ! ४ !
ऐसी तपन !
जल भी जल जाये ,
गर चाह ले ! ५ !
सूरज को भी !
प्रभा को ताकने की ,
फुर्सत ना हो ! ६ !
घूमना चाहे !
धरती धुरी पर ,
जुर्रत ना हो ! ७ !
हौसला रख !
आग की औकात क्या ,
तुझे जला दे ! ८ !
बस फासला !
चादं हिन्दुस्तान में ,
दो कदम का ! ९ !
रख हौसला !
अपने जिगर में ,
आजमाने का ! १० !
-अनुज तिवारी
-अनुज तिवारी
रचनाकार मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर निवासी हैं
नवोदित रचनाकार प्रचार-प्रसार के अभिलाषी नहीं है
वर्तमान में आप अपनी रचनाएँ
वर्तमान में आप अपनी रचनाएँ
हिन्दी काव्य संकलन में
संग्रहित करते हैं
सम्पर्क सूत्रः +9158688418
बहुत प्रेरणादायक
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (25-07-2016) को "सावन आया झूमता ठंडी पड़े फुहार" (चर्चा अंक-2414) पर भी होगी।
ReplyDelete--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
प्रेरक।
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