आज यह कड़ा निर्णय लेते हुए निकुंज की आँखों के सामने उसकी पूरी जिंदगी एक चलचित्र की भाँति घूम गई। उसे आज भी याद है वह शाम जब मम्मी-पापा ने उसे उसकी ज़िन्दगी से परिचित कराया था कि वह एक हिजड़ा है। पर यह सब बताने से पहले ही उसे इतना सशक्त बना दिया था कि यह बात उसे अपने लक्ष्य से हिला न सकी। उसने कड़ा निर्णय लिया कि वह अपने माता-पिता को उनकी इस मेहनत का फल अपनी मेहनत से देगी। और एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी पाकर सपना पूरा किया। वहीं तो उसकी मुलाक़ात अभय से हुई थी और कब प्यार हो गया पता ही न चला और निकुंज के बारे में सब पता चलने के बाद भी अभय का फ़ैसला न बदला। दोनों का विवाह हो गया, कुछ समय पश्चात उन्होंने निलेश को गोद ले लिया। कितना अच्छा जीवन बीत रहा था कि... निलेश बारह साल का ही तो था कि अभय का अकस्मात निधन हो गया, पर निकुंज ने हिम्मत न हारी...।
....अब वह समय आ गया है कि निलेश को सब कुछ बता दिया जाए, क्योंकि अब वह अट्ठारह बरस का हो गया है।
....पर, निलेश यह सुनते ही चिल्ला पड़ा!
....मतलब मैं अनाथ हूँ और तुम एक हिजड़ा...!
....एक हिजड़े के हाथों मेरा पालन-पोषण...छी...!
-आभा नौलखा
naulakhabha@gmail.com
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (03-07-2016) को "मीत बन जाऊँगा" (चर्चा अंक-2392) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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ReplyDeleteअच्छी रचना ।
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ReplyDeleteमर्मस्पर्शी रचना
ReplyDeleteमार्मिक। पर एक संशय है यहाँ पात्र निकुंज हिजड़ा है या बाँझ ?
ReplyDeleteमार्मिक। पर एक संशय है यहाँ पात्र निकुंज हिजड़ा है या बाँझ ?
ReplyDeleteआज यह कड़ा निर्णय लेते हुए निकुंज की आँखों के सामने उसकी पूरी जिंदगी एक चलचित्र की भाँति घूम गई। उसे आज भी याद है वह शाम जब मम्मी-पापा ने उसे उसकी ज़िन्दगी से परिचित कराया था कि वह एक हिजड़ा है।
DeleteMarmsparshi.
ReplyDeleteआश्चर्य चकित कर देने वाली रचना है।एक बार मे जीवनभर का प्रेम उतार कर रख दिया।
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी कहानी | सच है यहाँ प्रेम और त्याग की कोई value नहीं है लेकिन तब भी एक उम्मीद है कि आने वाले कल में बदलाव होगा |
ReplyDelete- khayalrakheplus.blogspot.in