"दीपेश...
क्या तुम सच ही मुझे छोड़ कर चले जाओगे, बोलो न,
यह सब झूठ है...! है न...?
कैसे जा सकते हो तुम...?
मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ...!"
"चल दूर हट...।
अपनी इस नाजायज़ बच्चे को मेरा नाम न दे,
न जाने किसका पाप है।
ज़बरदस्ती मेरे गले मत बाँध...!"
"कैसी बात कर रहे हो आज तुम?
ज़रा भगवान से तो डरो,
मेरी ज़िन्दगी में तुम्हारे अलावा कोई नहीं।
यदि तुम्हे शक़ ही है तो हम आज ही डी.एन.ए. टेस्ट कराते हैं।
पर मेरी भी एक शर्त है...!"
"क्या, बोल तेरी क्या शर्त है....?"
"यही कि...
जब डी.एन.ए. टेस्ट यह बता देगा की ये बच्चा हम दोनों का है...,
तब भी मैं तुम्हारे साथ न रहूँगी...
और न ही बच्चे पर तुम्हारा कोई अधिकार होगा।"
-आभा नौलखा
naulakhabha@gmail.com
क्या तुम सच ही मुझे छोड़ कर चले जाओगे, बोलो न,
यह सब झूठ है...! है न...?
कैसे जा सकते हो तुम...?
मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ...!"
"चल दूर हट...।
अपनी इस नाजायज़ बच्चे को मेरा नाम न दे,
न जाने किसका पाप है।
ज़बरदस्ती मेरे गले मत बाँध...!"
"कैसी बात कर रहे हो आज तुम?
ज़रा भगवान से तो डरो,
मेरी ज़िन्दगी में तुम्हारे अलावा कोई नहीं।
यदि तुम्हे शक़ ही है तो हम आज ही डी.एन.ए. टेस्ट कराते हैं।
पर मेरी भी एक शर्त है...!"
"क्या, बोल तेरी क्या शर्त है....?"
"यही कि...
जब डी.एन.ए. टेस्ट यह बता देगा की ये बच्चा हम दोनों का है...,
तब भी मैं तुम्हारे साथ न रहूँगी...
और न ही बच्चे पर तुम्हारा कोई अधिकार होगा।"
-आभा नौलखा
naulakhabha@gmail.com
waah kya baat .....swabhiman to hona hi chahiye !
ReplyDeletewaah kya baat .....swabhiman to hona hi chahiye !
ReplyDeleteजय मां हाटेशवरी...
ReplyDeleteअनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 12/07/2016 को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
अलग टॉपिक
ReplyDeleteबढ़िया कविता
very nice poetry
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