Wednesday, January 6, 2016

सात शहीद...यशोदा



चले गए वो क्यों
क्या दुश्मनी थी उनसे
जो मार दिया छल से
जो चाहते हैं वो
वो होगा जरूर
पर उन्हे... 
देनी होगी तिलाजली
हथियार के रूप में
और सरकार से
विनम्र आग्रह
तलाशें..उन सफेदपोशों
और सरकारी अमले में से
विभीषणों और जयचंदों  को
जो इन आतंकवादियों को 
खबरें मुहैय्या  करवाते हैं
व पनाह भी देते हैं
और तभी..
भारत की जनता
मरते-मरते जीने के
भय से मुक्त होगी
मन की उपज

-यशोदा    
                                                                                                                                                                        
        

4 comments:

  1. सुंदर...
    अति सुंदर...
    सत्य कहा आपने...

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 07-01-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2214 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  3. मार्मिक एवं सुन्दर अभिव्यक्ति ....

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