Tuesday, October 6, 2020

करती हैं मदहोश तुम्हारी प्यारी बातें ...प्रीती श्री वास्तव


हमें परेशां करती है तुम्हारी बातें।
करती हैं मदहोश तुम्हारी प्यारी बातें।।

वो चौबारे पे खड़े होकर तकना तेरा।
और आँखों से ही कहना सारी बातें।।

कैसे भूल जाऊं मैं साथ बिताये पल।
पल दो पल में हो जाती थी सारी बातें।।

आस रहती थी ठहर जाये वक्त यही।
हो रही हो जब यूं हमसे हमारी बातें।।

नाम तेरा लेकर तसब्बुर में जिया करतें हैं।
याद आती है हमें यार तुम्हारी बातें।।

आज नशा जाम का नही इश्क का है।
गजल में लिख डाली मैने सारी बातें।।
-प्रीती श्री वास्तव

5 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 07 अक्टूबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. उम्दा प्रस्तुति ।

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  3. सुन्दर प्रस्तुति

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