मेघ सांवरे उमड़े, बरसेंगेखुशियों से आंचल भर देंगे
कोपल-कोपल मुस्काई धरतीफिरसे अंखुआए अहसासों में
चितवन रस में भीगे कांपेदूरियाँ न रहीं अब राहों मे
आकाश सिमटते देखा है इसनेफुनगियों की नन्ही-सी बाहों में।
-शैल अग्रवाल
वाह , बहुत बढ़िया लिखा है आपने🌻
सुन्दर
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 12 अक्टूबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वाह , बहुत बढ़िया लिखा है आपने🌻
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 12 अक्टूबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
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